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Janam Kundali In Hindi

जन्मकुंडली वह पत्री है जिसमें आपके जन्म के समय आकाश मंडल में जो ग्रह, नक्षत्र व राशियों की स्थिति है, उन्हे दर्शाया जाता है। कुंडली में बारह खाने होते हैं और इन खानों में राशियां और ग्रह बैठे होते हैं जिनके माध्यम से व्यक्ति के भाग्य की गणना की जाती है। कुंडली में जो नंबर होते हैं वे राशियों को दर्शाते हैं।

डेट ऑफ़ बर्थ से कुंडली कैसे देखे?

कुंडली देखने का सही तरीका [Free Online]

  1. ऑनलाइन कुंडली देखने के लिए आपको सबसे पहले www.freekundli.com पर जाना होगा।
  2. इसके बाद आपके सामने एक नया फॉर्म खुलकर आएगा |
  3. यहाँ आपको अपना नाम, जन्मतिथि, जन्म समय आदि सभी जानकारी भरकर सबमिट वाली बटन पर क्लिक करना होगा |
  4. इसके बाद आपके सामने आपकी जन्म कुंडली खुलकर आ जाएगी।

जन्म कुंडली कैसे चेक करें?

कुंडली (Kundli in Hindi) या जन्मपत्री (Janampatri) को जन्म कुंडली के रूप में भी जाना जाता है, जो किसी व्यक्ति की कुंडली को प्रभावित करने वाले ग्रहों या खगोलीय पिंडों की स्थिति को दर्शाती है। किसी जातक की जन्मकुंडली का विशेष सटीक आंकलन एक अनुभवी ज्योतिष द्वारा ही किया जा सकता है।

अपने जन्म का समय कैसे पता करें?

कंप्यूटर पर अपने Google खाते के निजता पेज में साइन इन करें. निजी जानकारी पर क्लिक करें. जन्म की तारीख पर क्लिक करें.

सबसे अच्छा लग्न कौन होता है?

ज्योतिष शास्त्र में कुल 12 राश‍ियां होती हैं। पंड‍ित शैलेंद्र पांडे के अनुसार दुनिया में चार लग्न के लोग भाग्य के मामले में सबसे ज्यादा बेहतर होते हैं- मेष लग्न, कर्क लग्न, तुला लग्न और मकर लग्न. इनको जीवन में आमतौर पर भाग्य का साथ मिल ही जाता है.

नाम से शादी के गुण कैसे मिलाए?

क्या नाम से गुण मिलान मुमकिन है? नाम के अनुसार कुंडली मिलान का अर्थ होता है कि लड़का और लड़की दोनों के नाम का नक्षत्रों के हिसाब से गुण मिलान करना। इसमें दोनों के नाम से पता लगाया जाता है कि उनके कितने गुण मिल रहे हैं और इनकी शादी कैसी निभेगी। गणना के अनुसार 36 गुण मिलने पर विवाह के लिए शुभ संकेत माना जाता है।

क्या मेरी कुंडली में राजयोग है?

कुंडली में जिस राशि में ग्रह नीच का होकर बैठा हो उस राशि का स्वामी उसे देख रहा हो या फिर जिस राशि में ग्रह नीच का होकर बैठा हो उस राशि का स्वामी स्वगृही होकर युति संबंध बना रहा हो तो नीच भंग राजयोग का सृजन होता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में ये योग होता है वह एक राजा के समान जीवन व्यतीत करता है।

राशि के अनुसार शादी कब होगी 2022?

विवाह राशिफल 2022 की भविष्यवाणियों के अनुसार अप्रैल के महीने में विवाह होने की संभावना प्रबल है। वसंत ऋतु में आपके जीवन में प्रेम और विवाह की बहार आने की भी संभावना नजर आ रही है। अप्रैल महीने में शनि आपके विवाह भाव में गोचर करेगा और जुलाई महीने तक यहीं रहेगा।

जन्म तारीख से शादी कब होगी?

अभिप्राय यह है कि जब बुध सातवें घर में हो तब 20 से 25 की उम्र में शादी का योग बनता है। यदि शुक्र, गुरु या चन्द्र आपकी कुंडली के सातवें घर में हैं तो 24- 25 की उम्र में शादी होने की प्रबल संभावना रहती है। गुरु सातवें घर में हो तो शादी पच्चीस की उम्र में होती है।

मेरी कुंडली में क्या दोष है?

जब कुंडली में प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम अथवा द्वादश भाव में मंगल होता है, तब मांगलिक दोष लगता है. इस दोष को विवाह के लिए अशुभ माना जाता है. एक सफल सुखद वैवाहिक जीवन के लिए बेहद आवश्यक है कि दोनों ही जीवन साथी की कुंडली में मंगल दोष ना हो.

गुण कैसे देखते हैं?

प्रत्येक गुण के अलग-अलग अंक निर्धारित हैं। इन 36 अंकों में से से कम से कम 19 अंक मिल जाने से मिलान को ठीक माना जाता है, लेकिन इसके लिए उसका नाड़ी मिलान होना जरूरी होता है। अष्टकूट मिलान में वर्ण, वश्य, तारा, योनि, राशीश (ग्रह मैत्री), गण, भटूक और नाड़ी का मिलान किया जाता है। अष्टकूट मिलान ही काफी नहीं है।

कुंडली में विवाह योग कैसे देखें?

विस्तार ज्योतिष भाव के अनुसार जिस वर्ष शनि और गुरु दोनों सप्तम भाव या लग्न को देखते हों, तब विवाह के योग बनते हैं। सप्तमेश की महादशा-अंतर्दशा या शुक्र-गुरु की महादशा-अंतर्दशा में विवाह का प्रबल योग बनता है। सप्तम भाव में स्थित ग्रह या सप्तमेश के साथ बैठे ग्रह की महादशा-अंतर्दशा में विवाह संभव है।

नाम से कुंडली कैसे मिलाए?

कुंडली मिलान के लिए एक ही नाम का उपयोग किया जाता है और इस प्रक्रिया को नाम से कुंडली मिलन कहा जाता है।

जन्म तारीख उम्र कैसे निकाले?

एज कैलकुलेटर एक ऑनलाइन टूल है जिसके जरिए आप अपनी जन्मतिथि से लेकर मौजूदा तारीख तक उम्र पता कर सकते हैं. ये दो तारीखों के बीच समय का अंतर बताने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके जरिए जो परिणाम आते हैं वो अलग-अलग टाइम के तहत साल, महीने और दिनों के रूप में सामने आते हैं.

कुंडली में कौन सा घर किसका होता है?

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, किसी भी व्यक्ति की जन्म कुंडली में पहले घर को लग्न स्थान कहते हैं। कुंडली को सीधा रखने पर टॉप में जो खाना होता है वही लग्न स्थान होता है। लग्न से नवम स्थान भाग्य स्थान कहलाता है यानी कुंडली का नौवां घर भाग्य स्थान कहलता है।

कुंडली में खाली घर का क्या मतलब होता है?

जन्म कुंडली में बारह खाने यानी बारह घर होते हैं और ग्रह नौ। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में कोई न कोई घर ऐसा होता ही है, जिसमें कोई ग्रह नहीं होता। लाल किताब में ऐसे घर को सोया हुआ घर या सुप्त घर कहा जाता है तथा जिस घर पर किसी ग्रह की दृष्टि नहीं पड़ती उसे भी सुप्त घर माना जाता है।

कैसे पता करें कौन सा ग्रह खराब है?

जानिए किस ग्रह से कौन-सा रोग होता है ?

  • डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।
  • सूर्य ग्रह से रोग ...
  • चन्द्र ग्रह से मानसिक रोग ...
  • मंगल ग्रह और सुस्त व्यक्ति ...
  • बुध ग्रह से दमा और अन्य रोग ...
  • ब्रहस्पति ग्रह और मोटापा ...
  • शुक्र ग्रह और शुगर या मधुमेह ...
  • शनि ग्रह और लम्बे रोग

लग्न कितने डिग्री का होना चाहिए?

यदि पूरे आसमान को 360 डिग्री का मानकार उसे 12 भागों में बांटा जाये तो 30 डिग्री की एक राशि निकलती है। इन्ही 12 राशियों में से कोई एक राशि बालक के जन्म के समय पूर्व दिशा में स्थित होती है। यही राशि जन्म के समय बालक के लग्न भाव के रूप में उभर कर सामने आती है।

पति पत्नी के कितने गुण मिलने चाहिए?

कितने गुण मिलने से विवाह माना जाता है उत्तम कुंडली में ये सभी मिलकर 36 गुण होते हैं, जितने अधिक गुण लड़का लड़की के मिलते हैं, विवाह उतना ही सफल माना जाता है।

36 गुण कौन कौन से हैं?

कुंडली मिलान के लिए 36 गुण इसमें नाड़ी के 8 गुण, भकूट के 7 गुण, गण मैत्री के 6 गुण, ग्रह मैत्री के 5 गुण, योनि मैत्री के 4 गुण, ताराबल के 3 गुण, वश्य के 2 गुण और वर्ण के 1 गुण का मिलान होता है. इस प्रकार से कुल 36 गुण होते हैं.

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